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Saturday, November 1, 2014

Shree Mahakaleshwar Mandir

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित एक बहुत विशाल मंदिर है । जहाँ पूरी दुनिया के लोग भगवान के दर्शन करने आतें है । पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का भव्य व मनोहर वर्णन मिलता है। यहाँ जो शिवलिंग है उसके दर्शन करने मात्र से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है ऐसा माना गया है ।

1235 ई. में इल्तुत्मिश के द्वारा इस प्राचीन मंदिर का विध्वंस किए जाने के बाद से यहां जो भी शासक रहे, उन्होंने इस मंदिर के जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया, इसीलिए मंदिर अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त कर सका है।

गर्भगृह तक पहुँचने के लिए एक सीढ़ीदार रास्ता है। इसके ठीक उपर एक दूसरा कक्ष है जिसमें ओंकारेश्वर शिवलिंग स्थापित है।

मंदिर का इतिहास

Ujjain में सन् 1107 से १७२८ ई. तक यवनों का शासन था। इनके शासनकाल में अवंति की लगभग 4500 वर्षों में स्थापित हिन्दुओं की प्राचीन धार्मिक परंपराएं प्राय: नष्ट हो चुकी थी। लेकिन 1690 ई. में मराठों ने मालवा क्षेत्र में आक्रमण कर दिया और 29 नवंबर 1728 को मराठा शासकों ने मालवा क्षेत्र में अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया। इसके बाद उज्जैन का खोया हुआ गौरव पुनः लौटा और सन 1731 से 1809 तक यह नगरी मालवा की राजधानी बनी रही।

Saturday, August 16, 2014

Janmashtami in hindi

 कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है । ऐसा माना जाता है की इसी दिन भगवान कृष्णा ने धरती पर जन्म लिया था । योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं ।



भगवान कृष्णा का जन्म  भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में हुआ था । उस समय कंस के अत्याचार से मथुरा के लोगों का जीना मुस्किल हो रहा था , हर तरफ त्राहि त्राहि मचा हुआ था । इसलिए भगवान को धरती पर आना हुआ । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है। इस दिन श्रद्धालु भारी संख्या में मथुरा पहुंचतें है । ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और रासलीला का आयोजन होता है।

 कृष्णजन्माष्टमी का उद्देश्य - भगवान कृष्ण के आदर्शों को याद करना ।

भगवान कृष्णा के अनुयायी - हिन्दू,नेपाली, भारतीय, नेपाली और भारतीय प्रवासी ।

श्रीकृष्णजन्माष्टमीका व्रत सनातन-धर्मावलंबियों के लिए अनिवार्य माना गया है। इस दिन उपवास रखें तथा अन्न का सेवन न करें। इस व्रत के करने के प्रभाव से उनके समस्त कार्य सिद्ध होते हैं।